तीनों रंगों की दमक साथ चाहती हूँ मैं, बिखरे तिरंगे की चमक यही चाहती हूँ मैं। तीनों रंगों की दमक साथ चाहती हूँ मैं, बिखरे तिरंगे की चमक यही चाहती हूँ मैं।
अवरोही क्रम में जब जब होता छोड़ देता प्रकाश के छाया की निशानी। अवरोही क्रम में जब जब होता छोड़ देता प्रकाश के छाया की निशानी।
बहनों की खुशी का, आज न होता कोई पार बहनों की खुशी का, आज न होता कोई पार
कहो तो जमीन में से निकाल दू पानी की धार। कहो तो जमीन में से निकाल दू पानी की धार।
पेट की कमज़ोरी हड्डियों का कड़कड़ापन और अतीत का बोझ, वर्तमान में रहने नहीं देता। पेट की कमज़ोरी हड्डियों का कड़कड़ापन और अतीत का बोझ, वर्तमान में रहने नहीं देता।
अनकहे अनगिनत मिल जाते हैं पल इस अनजाने सफर में। अनकहे अनगिनत मिल जाते हैं पल इस अनजाने सफर में।